Dil Ae Jhakham
Love Thoughts: Dil Ae Jhakham
इस तरह याद आके हमको रुलाओ नाअगर हो गयी खता हमसे तो माफ़ करो ना
कम से कम इस तरह याद आओ ना
सुबह से शाम,फिर शाम से सुबह हो जाती है
कुछ जख्म ऐसे भी है
जो तेरे यद् आने से हरे हो जाते है
ये उम्र नहीं है दर्द झेलने की
अब इस तरह याद आके इन घावों को हरा करो ना
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